Bhikhna Pahari: A Collection of Hindi Short Stories by Ramesh Chandra | Engaging Tales Reflecting Society and Human Values | Must-Read for Lovers of Indian Literature and Contemporary Fiction
A**U
Anish Chandra renu
Dear sirआज मैंने फर्स्ट पेज पढा जहा आप लिखते है कि मुंबई से वापस आकर पिताजी को पकड़ कर खूब रोया ।।।।।सच मानिए सर मुझे अपना ओ दिन याद आ गया जब मैं वापस आ कर मां और पिताजी को पकड़ कर रोया था ।मां को कैंसर हो गया था तब मैं टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल परेल मुंबई में मां को देखने गया ।।।जब मैं अंदर गया तो मानो मुझे जीवन से ही नफरत हो गई ,जहां देखो तो मौत से लर रहे है बच्चा,बूढ़ा और जवान था। भीड़ में मेरी नजर मां पर पारी ।। ओ अब भी मुस्कुरा रही थी मानो जैसे अपने दर्द को छुपा रही हो ।। मैं मन ही मन लर रहा था की क्यों मेरे पास पैसे नही है ? । क्यों मैं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय कैंपस सिलेक्शन को छोड़ दिया। थैंक यू मुझको मुझसे मिलवाने के लिए ।।।जब मैं आपको लिख रहा हु तो मेरी आंखों में पानी है ।।।।।🙏Thanks and RegardsAnish Chandra renuBatch -3Class-9-10English TeacherUHS BudhkaraKatra blockMuzaffarpur
S**I
मार्मिक और हृदयस्पर्शी कहानियाँ
रमेश चंद्र ने "भीखाना पहाड़ी" में मानव अस्तित्व की जटिलताओं में गहराई से तल्लीन करते हुए लघु कथाओं का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला संकलन तैयार किया है। भाषा और कहानी कहने के उत्कृष्ट उपयोग के माध्यम से, लेखक कथाओं का एक समृद्ध टेपेस्ट्री बनाता है, कुशलता से जटिल भूखंडों को एक साथ बुनता है जो मानवता की सहज अच्छाई को दर्शाता है। प्रत्येक कहानी पाठक पर एक मार्मिक प्रभाव छोड़ती है, जो हमारे साझा अनुभवों और मानवीय मूल्यों की स्थायी प्रकृति के लिए एक शक्तिशाली वसीयतनामा के रूप में काम करती है।पहली कहानी से लेकर भीतर की हर कथा तक, पुस्तक जीवन की चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों की कठिन यात्राओं और विजयी क्षणों को स्पष्ट रूप से चित्रित करती है। इसके अलावा, ये कहानियाँ विविध दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं, जो अस्तित्व की जटिल जटिलताओं पर प्रकाश डालती हैं। प्रत्येक कहानी कलात्मक रूप से मानव अनुभव की एक अनूठी छाया या बारीकियों का अनावरण करती है, जो हमारी साझा यात्रा की बहुमुखी खोज प्रदान करती है।
R**L
जन सरोकार की कहानियों के मर्मज्ञ है लेखक रमेश चंद्र।
“बाबू, ई भिखना पहाड़ी है। सँभल के न चले तो भीख मँगा देगी। इहाँ पढ़ाकू बेरोजगारों से ही लोगों का रोजगार चलता है। क्रेसर व कैप्सूल कोर्स के फेर में न आना। सेल्फ स्टडी पर फोकस करना। वरना महेंद्रू से मुसल्लहपुरहाट, सब्जीबाग से सुल्तानगंज, खाली लौजे बदलते रहोगे, किस्मत न बदलेगी।” दिल को छू जाती है।रमेश चंद्र सर द्वारा रचित कहानी संग्रह। जरूर पढ़े।
M**H
Beautiful collection of stories
Shri Ramesh Chandra has given all of us the opportunity to connect back to our roots! The stories makes you believe that you have been a part of them too.. Never seen my father being so indulgent into books.. But the magic of Bhikhna Pahadi made him complete the whole books super fast...
T**L
Nyc book
"भीखना पहाड़ी" एक हिंदी उपन्यास है जो हिमालय में स्थित एक पहाड़, भिखना पहाड़ी और उसके आसपास रहने वाले लोगों की कहानी कहता है। उपन्यास कल्पना का एक उत्कृष्ट काम है जो मानवीय भावनाओं, रिश्तों और आधुनिकता और जीवन के पारंपरिक तरीकों के बीच उत्पन्न होने वाले संघर्षों के विषयों की पड़ताल करता है।पुस्तक को अवश्य पढ़ें, मैं सभी को इस पुस्तक को अपने बुक शेल्फ में शामिल करने की सलाह देता हूं।
A**
रमेश चंद्र सर जैसे लेखक संसार में कभी -कभी ही आते है।
ऑफिस में ही प्रथम कहानी पढ़ लिए तो मैं थोड़ा ज्यादा ही इमोशनल हो गया। नायक की जगह खुद को महसूस करने लगा।दूसरी कहानी पढ़ने की हिम्मत ही नहीं हुई।सोचें 1 ही दिन ज्यादा इमोशनल होने से अच्छा है प्रतिदिन 1 कहानी पढ़कर ही उसमें खुद को महसूस किया जाए।
F**N
Amazing
"भिखना पहाड़ी" एक शक्तिशाली और मार्मिक उपन्यास है जो उन पाठकों के साथ प्रतिध्वनित होगा जो मानवीय भावनाओं और रिश्तों की जटिलताओं की खोज में रुचि रखते हैं। उपन्यास कहानी कहने की शक्ति का एक वसीयतनामा है, और यह हिंदी साहित्य की समृद्ध परंपरा का पता लगाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है। मैं इस पुस्तक को किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए अत्यधिक अनुशंसा करता हूं जो एक विचारोत्तेजक और आकर्षक पढ़ने की तलाश में है।
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#आज का यथार्थाता #भिखना पहाड़ी
कहानी इतनी यथार्थाता(सत्यता )कि पाठक खुद को रमन मानने पर मजबूर हो जाए,आप सभी भी खरीदे और पढ़े जीवन मे संघर्ष से हर एक मुकाम पाया जा सकता हैं। उसी सत्यता को प्रकट करती है #भीखना पहाड़ी 🙏🙏🙏
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